#WhatDoesTheHolyQuranSay कुरआन मजीद कहती है "ब्याज लेना पाप है” कुरआन मजीद सूरः अल् बकरा-2 आयत नं. 276:- अल्लाह ब्याज लेने वाले का मठ मार देता है यानि नाश कर देता हैऔर (खैरात) दान करने वाले को बढ़ाता है। और अल्लाह किसी नाशुक्रे बुरे अमल वाले इंसान को पसंद नहीं करता।
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