/r/truth
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बिना गुरू के किया गया नाम जाप व दिया गया दान निष्फल होता है। कबीर, गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान। गुरू बिन दोनों निष्फल हैं, पूछो वेद पुराण।। अर्थात् कबीर जी ने कहा है कि गुरू बिन नाम स्मरण करना व दान देना व्यर्थ है। अपने वेदों व पुराणों में पढ़ लो।
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